10/06/2020
New Delhi : अभिभावकों और टीचर्स की डिमांड पर इस चालू शैक्षणिक सत्र में पाठ्यक्रम और इंस्ट्रक्शन आवर्स में कमी करने की दिशा में प्रयास शुरू किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है- वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर और माता-पिता, शिक्षकों से बहुत सारे अनुरोध प्राप्त करने के बाद, हम आने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम और निर्देशात्मक घंटों में कमी के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया- मैं सभी शिक्षकों, शिक्षाविदों और एकेडेमिक्स के एक्सपर्ट से अपील करता हूं कि वे मेरे या मंत्रालय के ट्विटर हैंडल या फेसबुक पेज # SyllabusForStudents2020 का उपयोग करके इस मामले पर अपनी बात साझा करें ताकि हम निर्णय लेते समय उन्हें ध्यान में रख सकें।
वैसे भी स्कूलों को खोलने को लेकर सरकारें जल्दबाजी में नहीं हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार 8 जून को बुलाई गई बैठक में ज्यादातर राज्यों ने स्कूलों के खोलने की योजना को अगले दो महीने तक और स्थगित रखने का सुझाव दिया है। हालांकि इसमें राज्यों ने पाठ्यक्रम छोटा करने पर सहमति नहीं जताई।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी ओर से स्कूल खोलने जैसे महत्वपूर्ण फैसले पर कुछ भी न करें। स्कूलों को खोलने पर केंद्र सरकार में फिलहाल 15 जुलाई के आसपास समीक्षा होगी। उसके बाद ही स्कूलों, कालेजों और कोचिंग सेंटरों को खोलने पर कोई निर्णय हो पायेगा। स्कूलों को लेकर कोई भी गाइडलाइन गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद ही जारी की जायेगी। इसके बाद ही कोई भी राज्य अपनी स्थिति के आधार पर स्कूलों को खोलने का निर्णय ले सकेंगे।