पाकिस्तानी किसानों ने निकाला टिड्डियों का शर्तिया इलाज, नुकसान की जगह कर रहे हैं मोटी कमाई।

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    01/06/2020

    नई दिल्ली- 27 साल बाद हुए टिड्डियों के सबसे बड़े हमले को लेकर भारत के कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है। किसान फसलें चौपट होने की आशंका से परेशान हैं। लेकिन, पाकिस्तानी किसानों ने इस आफत को भी नुकसान की जगह मोटी कमाई का जरिया बना लिया है। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके लिए न तो हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे पर्यावरण को खतरा हो और न ही टिड्डियों को फसल बर्बाद करने का ही मौका दिया जा रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि सिर्फ किसान ही नहीं दूसरे सेक्टर से जुड़े लोगों की कमाई भी टिड्डियों की वजह से आजकल बढ़ चुकी है।
    पाकिस्तान के ओकरा जिले में टिड्डियों की समस्या से निपटने के लिए एक बहुत ही नए तरह का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मूल मंत्र ये है कि किसानों को टिड्डियों को पकड़ना होता है, जिसका इस्तेमाल मुर्गियों के चारे के रूप में किया जा रहा है। मुर्गियों को टिड्डी खिलाने से क्या फायद होता है, इसकी भी हम चर्चा करेंगे, लेकिन ये बात जान लीजिए कि मुर्गियों का चारा बनाने वाली मिलों में इन टिड्डियों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है और पोल्ट्री वाले भी इस चारे को बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
    पाकिस्तान में टिड्डियों को मुर्गी के चारा के तौर पर उपयोग करने का विचार सबसे पहले वहां के नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड रिसर्च में नौकरशाह मोहम्मद खुर्शीद और पाकिस्तान एग्रीकल्चर रिसर्च काउंसिल के बायोटेक्नोलॉजिस्ट जौहर अली के दिमाग में आया। जौहर ने कहा है, ‘ऐसा करने के लिए हमारा मजाक उड़ाया गया। किसी ने नहीं सोचा था कि लोग वास्तव में टिड्डियों को पकड़ सकते हैं और उन्हें बेच सकते हैं।’ जबकि, खुर्शीद ने बताया कि उन्हें मई 2019 में यमन के एक उदाहरण से प्रेरणा मिली। अकाल का सामना करने वाले उस युद्धग्रस्त देश में आदर्श वाक्य था ‘फसल खाने से पहले टिड्डों को खाएं।’

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