नफरत फैलाने का नया एजेंडा।

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कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की हार और कांग्रेस की जबरदस्त जीत के बाद अब नई तस्वीर उभर कर सामने आ रही है।

भाजपा द्वारा कर्नाटक वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बनाए जाने का एहसान चुका रहे शफी सादी ने गोदी मीडिया को देश भर में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का नया एजेंडा दे दिया।
बीजेपी से चुनाव में एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिलवाया मगर कांग्रेस से मांग कर रहे हैं कि मुस्लिम को डिप्टी सीएम बनाए और 5 मुसल‌मानों को मंत्री बनाएं।
यह बहुत ही बेहूदा और नफरती बयान है। पहले भाजपा ने इसे प्रसारित किया फिर गोदी मीडिया ने हाथों हाथ लिया।
लेकिन गोदी मीडिया ने यह नहीं बताया की मांग करने वाले व्यक्ति भाजपा का ही है।
कर्नाटक की हार पर BJP का दुखी होना तो ठीक है मगर मीडिया दुखी क्यों है?
शफी सादी द्वारा दिया गया बयान अपने आप में बहुत माने रखता है। बयान महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन माने इसलिए रखता है कि इससे भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता पता चलती है। भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक में करारी हार होने के बावजूद हरकत से बाज़ नहीं आ रहे हैं उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए।
कर्नाटक परिणाम के बाद शायद उनको एहसास हो रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मुसलमानों का वोट कांग्रेस की तरफ फिर से जा रहा है तो मुसलमानों को फिर परेशानियों में डालने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। जबकि भारत लोकतांत्रिक देश है यहां हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब संविधान के अनुसार अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं किसी को किसी के लिए टिकट की सिफारिश करने की जरूरत नहीं चाहे कांग्रेस हो,भारतीय जनता पार्टी हो, बहुजन समाज पार्टी हो ,समाजवादी पार्टी हो या कोई अन्य पार्टी, हर पार्टी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब मौजूद हैं। इसलिए किसी पार्टी से यह कहना कि आप मुसलमान को डिप्टी सीएम बनाएं या उनको टिकट दे पूरी तरीके से गलत है पार्टी जिस को सही समझती है टिकट देती है।
लेकिन राजनीति अब वो दलदल बन चुका है कि जिस में सिवाय बदबू के कुछ नहीं बची है। अब उस कीचड़ में कमल (भाजपा नहीं) की जगह जल खुम्बिया ज्यादा नजर आ रही हैं जो सिर्फ पानी को गंदा कर रही है।
आखिर शफी सादी की राजनीतिक हैसियत क्या है उनके बयान का कितना महत्व है यह बात अलग है कि भारतीय जनता पार्टी ने उनको वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बना दिया और शायद इसी एहसान को उतारने के लिए या कुर्सी बचाने के लिए वह भारतीय जनता पार्टी को खुश करना चाहते हैं और ऐसे बयान दे रहे हैं।
कर्नाटक में भाजपा की हार पर गोदी मीडिया ने जिस तरह से विलाप किया है उससे जाहिर होता है कि गोदी मीडिया सिर्फ देश में नफरत फैलाना चाहती है और ऐसे ही लोगों को सपोर्ट करना चाहती है। लेकिन मीडिया को हमेशा निष्पक्ष होना चाहिए यह सोच के काम काम करना चाहिए कि देश में राजनीति बदलती रहती है सत्ता बदलती रहती है पार्टियां बदलती रहती हैं इसलिए बैलेंस बनाकर के काम करना चाहिए किसी के पक्ष में बयान नहीं देना चाहिए (सिर्फ अच्छे काम के लिए सहयोग जरूरी है) सभी पार्टियां इस देश की पार्टियां हैं और सभी इस देश की जनता द्वारा चुनी जाती है। और सभी को इस देश के हित में कार्य करना होता है जो पार्टी या नेता देश हित में काम नहीं करता है वह आज नहीं तो कल राजनीति के मैदान से जनता द्वारा भगा दिया जाता है।
बहरहाल राजनीतिक उठापटक के बीच उठती और गिरती लहरों का आनंद लीजिए और राजनीति को व्यक्तिगत रूप से ना लें बल्कि मिलजुल कर के रहे क्यूंकि सभी इस देश के वासी हैं।
जय हिन्द।

सैयद एम अली तकवी
चीफ़ एडिटर
यूरिट न्यूज़ अलर्ट नेटवर्क 14

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