लखनऊ: 12 दिसम्बर, 2019 ऑल इण्डिया मोहम्मदी मिषन अध्यक्ष सैयद अयूब अषरफ ने एक अखबारी ब्यान में कहा कि भारत की आज़ादी में सभी धर्म के लोगों ने अपना बलिदान देकर देश को आज़ाद कराया लेकिन अफसोंस के साथ कहना पड़ रहा है कि आजाद भारत के वर्तमान स्थिति को देखते हुए नही लग रहा है कि अभी हम आजाद हुए है।
हमें यह नही भूलना चाहिए की, कितनी कुर्बानियों के बाद हमें अपना देश हासिल हुआ है हमें देश की एकता और अखण्डता बनाए रखने के लिए आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए।
ताकि विदेषी ताकत हमारी एकता को देखकर, अपनी गंदी नज़रे इस देश पर न डाल सके। देश की सरकार को चाहिए कि कोई कदम उठाने से पहले देष की जनता की भावना और उनके मानव अधिकारों का सम्मान करते हुए फैसला करे। ताकि देश की जनता को उस सरकार के प्रति विष्वास बना रहे जो एक षासक का कर्तव्य भी है। देश की आज़ादी में मदरसो से लेकर सभी धार्मिक संस्थाओं और धर्म गुरूओं ने अपना योगदान दिया है। किसी भी नागरिक को षक की नज़र से नही देखना चाहिए उसके देश प्रेम को ठेस पहुचता है। भारत का सभी नागरिक बराबर है। वर्तामान समय में जिस तरह केन्द्र सरकार अपनी नीति बना रही है वह देष के हीत में नही है भारत का हर नागरिक भारत के संविधान में विष्वास रखता है भारत के संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ का सीधा मतलब उसकी मूल धारणा पर कुठाराघात है। आज़ादी से आज तक भारतीय नागरिकों के साथ जो दोहरा व्यवहार हो रहा है उसको समझते हुए भी भारत का नागरिक एकता और अख्डता को बनाए रखने में सभी सरकार का सहयोग करता रहा। जैसा की आप सभी जानते है कि कभी बेहगुनाह इंसान को टाडा के नाम पर, कभी पोटा के नाम पर, कभी आतंकवाद के नाम पर, कभी लव जेहाद के नाम पर, कभी गॉ हत्या के नाम पर, कभी लिंचीग द्वारा मारा पीटा व बन्दी बनाया गया। इन घटनाओं और नागरिकता संषोधन बिल जिस तरह पास हुआ है उससे केन्द्र सरकार की नीति और नीयत साफ नज़र आ रही है पूर्व में हुई घटना सरकार का टेलर था आज देष के सवंधिान पर हमला हुआ है वर्तामान सरकार नही चाहती की भारत के नागरिक को संविधान द्वारा जो संवैधानिक अधिकार प्राप्त है उसको रखा जाए बल्कि उसे समाप्त कर दिया जाए और जनता को उन अधिकारों से वंचित कर दिया जाए और बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी का जो सपना था उसे मिटा दिया जाए। बाबा साहब द्वारा बनाया गया सविधान जिसमें समाज के दबे कुचले लोगों को आरक्षण मिल रहा है उसे समाप्त करने की भी एक साजिष है देष की अधिकतर सरकारी संस्थाएं अपना विष्वास खोती जा रही है चाहे व जॉच एजेंसियां हो, चाहे चुनाव आयोग हो, चाहे कार्यपालिका हो, चाहे न्यायपालिका हो, चाहे मीडिया हो। अब एक मात्र भारत का संविधान बचा है वो भी अब खतरे में है जिस प्रकार से गॉधी जी और बाबा साहब को अपमानित करने का प्रयास हो रहा है ये बात कही न कही भारत के बुधजीवि चिन्तन कर रहे है लेकिन भारत के सभी नागरिक को समझनी चाहिए यह लड़ाई अकेली की एक समुदाय की नही है बल्कि सभी भारतीयों की है जो बाबा साहब के बनाए हुए संविधान और गॉधी जी के अर्दषों पर विष्वास रखते है। देष को बचाने के लिए सभी नागरिक को खड़ा होना पड़ेगा यह देष गॉधी जी के विचारधारा से चलेगा न की सावरकार और गोडसे की विचारधारा से। उन्होंने भारत के सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं, ओलेमा-एकराम, आइम्माए मासाजिद, मुफतीयाने एकराम, साधुसंतों, बुद्वजीवि और राजनीतिक पार्टी के समझदार, इमानदार व जिम्मेदार नेतागणो से अपील कि है की एकता बध्य होकर सड़कों पर गॉधी जी के अहिंसा के रास्तें पर चलकर इस संविधान विरोधी ऑधी से देष को बचाए। वरना हमी कहते रह जाएगें दास्ॅता कहते कहते। जय हिन्द जय भारत……………………न अध्यक्ष सैयद अयूब अषरफ ने एक अखबारी ब्यान में कहा कि भारत की आज़ादी में सभी धर्म के लोगों ने अपना बलिदान देकर देष को आज़ाद कराया लेकिन अफसोंस के साथ कहना पड़ रहा है कि आजाद भारत के वर्तमान स्थिति को देखते हुए नही लग रहा है कि अभी हम आजाद हुए है हमें यह नही भूलना चाहिए की, कितनी कुर्बानियों के बाद हमें अपना देष हासिल हुआ है हमें देष की एकता और अखण्डता बनाए रखने के लिए आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए। ताकि विदेषी ताकत हमारी एकता को देखकर, अपनी गंदी नज़रे इस देष पर न डाल सके। देष की सरकार को चाहिए कि कोई कदम उठाने से पहले देष की जनता की भावना और उनके मानव अधिकारों का सम्मान करते हुए फैसला करे। ताकि देष की जनता को उस सरकार के प्रति विष्वास बना रहे जो एक षासक का कर्तव्य भी है। देष की आज़ादी में मदरसो से लेकर सभी धार्मिक संस्थाओं और धर्म गुरूओं ने अपना योगदान दिया है। किसी भी नागरिक को षक की नज़र से नही देखना चाहिए उसके देष प्रेम को ठेस पहुचता है। भारत का सभी नागरिक बराबर है। वर्तामान समय में जिस तरह केन्द्र सरकार अपनी नीति बना रही है वह देष के हीत में नही है भारत का हर नागरिक भारत के संविधान में विष्वास रखता है भारत के संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ का सीधा मतलब उसकी मूल धारणा पर कुठाराघात है। आज़ादी से आज तक भारतीय नागरिकों के साथ जो दोहरा व्यवहार हो रहा है उसको समझते हुए भी भारत का नागरिक एकता और अख्डता को बनाए रखने में सभी सरकार का सहयोग करता रहा। जैसा की आप सभी जानते है कि कभी बेहगुनाह इंसान को टाडा के नाम पर, कभी पोटा के नाम पर, कभी आतंकवाद के नाम पर, कभी लव जेहाद के नाम पर, कभी गॉ हत्या के नाम पर, कभी लिंचीग द्वारा मारा पीटा व बन्दी बनाया गया। इन घटनाओं और नागरिकता संषोधन बिल जिस तरह पास हुआ है उससे केन्द्र सरकार की नीति और नीयत साफ नज़र आ रही है पूर्व में हुई घटना सरकार का टेलर था आज देष के सवंधिान पर हमला हुआ है वर्तामान सरकार नही चाहती की भारत के नागरिक को संविधान द्वारा जो संवैधानिक अधिकार प्राप्त है उसको रखा जाए बल्कि उसे समाप्त कर दिया जाए और जनता को उन अधिकारों से वंचित कर दिया जाए और बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी का जो सपना था उसे मिटा दिया जाए। बाबा साहब द्वारा बनाया गया सविधान जिसमें समाज के दबे कुचले लोगों को आरक्षण मिल रहा है उसे समाप्त करने की भी एक साजिष है देष की अधिकतर सरकारी संस्थाएं अपना विष्वास खोती जा रही है चाहे व जॉच एजेंसियां हो, चाहे चुनाव आयोग हो, चाहे कार्यपालिका हो, चाहे न्यायपालिका हो, चाहे मीडिया हो। अब एक मात्र भारत का संविधान बचा है वो भी अब खतरे में है जिस प्रकार से गॉधी जी और बाबा साहब को अपमानित करने का प्रयास हो रहा है ये बात कही न कही भारत के बुधजीवि चिन्तन कर रहे है लेकिन भारत के सभी नागरिक को समझनी चाहिए यह लड़ाई अकेली की एक समुदाय की नही है बल्कि सभी भारतीयों की है जो बाबा साहब के बनाए हुए संविधान और गॉधी जी के अर्दषों पर विष्वास रखते है। देष को बचाने के लिए सभी नागरिक को खड़ा होना पड़ेगा यह देष गॉधी जी के विचारधारा से चलेगा न की सावरकार और गोडसे की विचारधारा से। उन्होंने भारत के सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं, ओलेमा-एकराम, आइम्माए मासाजिद, मुफतीयाने एकराम, साधुसंतों, बुद्वजीवि और राजनीतिक पार्टी के समझदार, इमानदार व जिम्मेदार नेतागणो से अपील कि है की एकता बध्य होकर सड़कों पर गॉधी जी के अहिंसा के रास्तें पर चलकर इस संविधान विरोधी ऑधी से देष को बचाए। वरना हमी कहते रह जाएगें दास्ॅता कहते कहते। जय हिन्द जय भारत……………………