नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात के मरकज से करीब 200 लोगों को कोरोनावायरस की जांच के लि दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया है। इस मरकज में विदेश से भी लोग आए हुए थे। जिनलोगों को जांच के लिए ले जाया गया उनमें से एक की मौत हुई है। जिस शख्स की मौत हुई है वह तमिलनाडु का रहने वाला बताया जा रहा है। अब दिल्ली सरकार ने पुलिस को मरकज के मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उसकी मौत की वजह क्या है। इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है।पुलिस पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी कर रही है।
निजामुद्दीन मामले को लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 24 मार्च को पूरे देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसके बाद होटल, गेस्टहाउस, हॉस्टल और इस तरह के प्रतिष्ठानों के मालिक और प्रशासकों की यह जिम्मेदारी थी कि वह सोशल डिस्टेंशिंग का पूरी तरफ पालन करें। ऐसा लगता है कि यहां इसका पालन नहीं किया जा रहा था। यहां कोरोनावायरस को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया है, जिसकी वजह से कई जिंदगियां खतरे में आ गई है। प्रबंधकों का यह कृत्य आपराधिक है। प्रशासकों ने इऩ शर्तों का उल्लंघन किया है। इसके प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन के दौरान इस तरह के जमावड़े से बचना हर नागरिक की जिम्मेदारी थी और यह एक आपराधिक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है।
बता दें कि निजामुद्दीन इलाके में करीब 2000 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। कुछ लोगों को दिल्ली के दूसरे इलाकों में शिफ्ट किया गया है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुई एक मौत के इनसे कनेक्शन की बात सामने आ रही है। एहतियातन घाटी में भी लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है।
दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस से संक्रमितों के 25 नए मामले सामने आए। दिल्ली में अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 97 हो गई है। इस बीच दिल्ली सरकार ने कोरोनावायरस के फैलाव व पलायन को रोकने के लिए दिल्ली बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डीसी और डीसीपी को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र में कोई सड़क पर न आए व पलायन न करे। सीएम ने कहा कि सरकारी राशन को बेचने पर जनकपुरी के एक दुकानदार को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है।