कर्बला की यादगार सत्य और न्याय के लिए सब कुछ निछावर कर देने की प्रेरणा देती है। हमारे देश में मोहर्रम और सफर (चेहलुम) के माह में कर्बला की याद में निकलने वाले जुलूस ख़ास तौर पर अवध, लखनऊ के जुलूस, देश के एक धार्मिक समुदाय की धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत हैं। इस वर्ष करोना वायरस महामारी की वजह से मोहरम के माह में कोई जुलूस नहीं जा सका। परंतु अब जब कार्य व्यवस्था पुनः अपनी यथास्थिति पर आ रही है, बाजार खुल चुके हैं, यातायात चल रहा है, परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही है, ऐसे में चेहलुम जुलूस को भी सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सावधानियों के साथ संपन्न कराया जा सकता है।
इसी विषय में तंजीम अली कांग्रेस की अध्यक्षता में विभिन्न वर्गों और धर्मों के 25 सामाजिक कार्यकर्ताओं व सम्मानित नागरिकों द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें अनुरोध किया गया के के समस्त सावधानियों के अनुरूप उचित निर्णय लेकर चेहलुम के जुलूस का प्रबंध करें ताकि श्रद्धालुओं और अक़ीदतम़दो को संतोष की प्राप्ति हो। ज्ञापन देने वालों मे वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद हसीन अब्बास रिजवी, एडवोकेट असकरी अनवर, हुसैन रिजवी एडवोकेट, सैयद ज़हीर हुसैन एडवोकेट, समाजिक कार्यकर्ता श्री इमरान अहमद , अली कांग्रेस अध्यक्षा सुश्री रुबीना जावेद मुर्तुज़ा, श्री बहार अख्तर ज़ैदी, डॉ अनूप कुमार, डॉ दुर्गेश सोनकर, श्री रेहान अंसारी, श्री लवी नवाब, लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता श्री एस एन लाल, सामाजिक कार्यकर्ता श्री इमदाद इमाम,श्री नदीममुददीन,श्री मसूद रामज़ी,शब्बीर ख़ान, मिर्ज़ा जियाउद्दीन बख्श, डॉ दुर्गेश सोनकर ,डॉक्टर अकाश विक्रम डॉ अनूप कुमार, श्री सृजनयोगी आदीयोग ( इसांनी बिरादरी)के नाम उल्लेखनीय हैं।कोरोना महामारी के ख़तरा सभी जगह है और कोई भी ज़रा सी लापरवाही से इसका शिकार हो सकता है, इससे बचने के लिए बतायी गयी सावधानियों का पालन करना सभी का कर्तव्य है । परन्तु यह भी सच है कि अब यह बीमारी हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा है जब तक इसकी वैकसीन नहीं आ जाती । जीवन के सभी कार्य इस बीमारी से बचने के लिए उचित सावधानीयों के अनुसार ही करने होगे । इनही बातों मददे नज़र रखते हुए प्रशासन से चेहलुम के जुलूस के उचित प्रबंध की मांग की गई है । ज्ञापन पोस्ट के ज़रिए भी भेजा गया है और कार्यालय में भी श्री बहार अख़्तर ज़ैदी के द्वारा दिया गया है ।