सियासत डॉट की खबर के अनुसार, भागवत ने नागपुर में नववर्ष 2020 कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान कहा कि जो हो रहा है उसके दोषी हम हैं। भागवत ने अपने संबोधन में डॉ अंबेडकर और भगिनी निवेदिता की कही कुछ बातों का भी उल्लेख किया है। माना जा रहा है कि यह बयान दिल्ली हिंसा को लेकर दिया गया है।
मोहन भागवत ने कहा कि हम स्वतंत्र हो गए हैं। राजनीतिक दृष्टि से खंडित क्यों नहीं हो लेकिन स्वतंत्रता हमें मिली, आज अपने देश में अपना राज है। लेकिन यह स्वतंत्रता टिकी रहे और राज्य सुचारु रूप से चलता रहे इसलिए सामाजिक अनुशासन आवश्यक है।
भगिनी निवेदिता का उदाहरण देते हुए भागवत ने कहा कि इसके बारे में स्वतंत्रता से पूर्व भगिनी निवेदिता ने हम सबको सचेत करते हुए कहा था कि देशभक्ति की दैनिक जीवन में अभिव्यक्ति नागरिकता के अनुशासन को पालन करने से होती है।
भागवत ने अंबेडकर के भाषणों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वतंत्र भारत का संविधान प्रदान करते समय डॉक्टर अंबेडकर साहब के दो भाषण संसद में हुए।
उनमें उन्होंने जिन बातों को उललेखित किया है वो यही बात है कि अब हमारे देश का जो कुछ होगा उसमें हम जिम्मेवार हैं, अब कुछ रह गया, कुछ नहीं हुआ, कुछ उलटा-सीधा हुआ तो ब्रिटिशों को दोष नहीं दे सकते, इसलिए हमको अब बहुत विचार करना पड़ेगा।