अमेरिका न्यू यॉर्क, 5 नवंबर 2025 (समाचार एजेंसी): अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में मंगलवार को हुए मेयर चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोरन मंदानी ने शानदार जीत हासिल की है। डिसीजन डेस्क एचक्यू और सीएनएन जैसे प्रमुख मीडिया संस्थानों ने देर रात मंदानी की जीत की घोषणा कर दी। 34 वर्षीय मंदानी, जो क्वींस से न्यूयॉर्क राज्य विधानसभा सदस्य हैं, शहर के पहले मुस्लिम और पहले भारतीय मूल के मेयर बन गए हैं। यह जीत पिछले एक सदी से अधिक समय में न्यूयॉर्क के सबसे युवा मेयर के रूप में भी इतिहास रचेगी।चुनाव परिणामों के अनुसार, मंदानी ने डेमोक्रेटिक प्राइमरी में पूर्व गवर्नर एंड्र्यू कुओमो को 56% के मुकाबले 44% वोटों से हराया था, और सामान्य चुनाव में भी कुओमो (जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे) तथा रिपब्लिकन कर्टिस सिल्वा पर भारी पड़ गए। शुरुआती वोटों में मंदानी को 50% से अधिक समर्थन मिला, जो शहर की बढ़ती महंगाई और आवास संकट पर उनके प्रगतिशील एजेंडे को दर्शाता है। कुल मतदान 20 लाख से अधिक रहा, जो 2021 के चुनाव से काफी ज्यादा है।
मंदानी की जीत को शहर की विविधता और युवा वोटरों की ताकत का प्रतीक माना जा रहा है। उन्होंने अपनी मुहिम में किफायती आवास, सार्वजनिक परिवहन को मुफ्त बनाने, अरबपतियों पर अधिक टैक्स लगाने और पुलिस सुधार जैसे मुद्दों पर जोर दिया। “न्यूयॉर्क दुनिया का सबसे महंगा शहर है, लेकिन यह सभी के लिए रहने लायक होना चाहिए,” मंदानी ने अपनी जीत की स्पीच में कहा। उनके समर्थक ब्रुकलिन के पैरामाउंट थिएटर के बाहर जश्न मना रहे थे, जहां लाइनें आधा मील लंबी थीं।
ट्रंप की हार और विवादास्पद हस्तक्षेपयह जीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए झटका है, जिन्होंने चुनाव से ठीक पहले कुओमो का समर्थन किया और मंदानी को “रैडिकल लेफ्ट का चेहरा” बताते हुए फेडरल फंडिंग रोकने की धमकी दी। ट्रंप ने यह भी कहा था कि मंदानी की जीत से न्यूयॉर्क “विनाश की ओर” जाएगा। एलन मस्क ने भी सोशल मीडिया पर बैलेट पेपर में मंदानी के नाम के “दोहराव” का विवाद खड़ा किया, लेकिन यह दावा खारिज हो गया। पूर्व मेयर बिल डी ब्लासियो और माइकल ब्लूमबर्ग जैसे नामों के बीच भी मंदानी को मजबूत समर्थन मिला।
कुओमो, जिन्होंने प्राइमरी हार के बाद निर्दलीय रास्ता अपनाया, को ट्रंप, बिल क्लिंटन और एरिक एडम्स (जो चुनाव से बाहर हो चुके थे) का समर्थन मिला। लेकिन मतदाताओं ने अनुभव के बजाय बदलाव को चुना। रिपब्लिकन सिल्वा “लॉ एंड ऑर्डर” पर फोकस करते रहे, लेकिन उनका प्रभाव सीमित रहा।
मंदानी का सफर: भारतीय जड़ों से न्यूयॉर्क की सत्ता तकउगांडा में जन्मे और भारतीय मूल के मंदानी (जिन्हें हिंदी में “जोरन मंदानी” कहा जाता है) 33 साल की उम्र में ही डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट के रूप में उभरे। 2020 में क्वींस से विधायक बने, उन्होंने बसों को मुफ्त करने जैसे पायलट प्रोजेक्ट चलाए। जून 2025 के प्राइमरी में अप्रत्याशित जीत के बाद सामान्य चुनाव में वे फेवरेट बने। उनकी पत्नी रमा दुवाजी ने भी वोटिंग के बाद सोशल मीडिया पर लोगों को प्रोत्साहित किया।
क्या होगा अगला कदम?मंदानी का शपथ ग्रहण जनवरी 2026 में होगा। वे एरिक एडम्स के भ्रष्टाचार कांडों से जूझे शहर को नई दिशा देने का वादा कर रहे हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन से फंडिंग विवाद और वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार संकुचित लीड के बावजूद, उनकी जीत प्रगतिशील राजनीति की वापसी का संकेत देती है।
यह चुनाव न केवल न्यूयॉर्क बल्कि अमेरिकी राजनीति के लिए मील का पत्थर है, जहां विविधता और युवा आवाज ने स्थापित नामों को पीछे छोड़ दिया। (समाचार एजेंसी के साथ एपी, सीएनएन, न्यूयॉर्क टाइम्स और एक्स पोस्ट्स से इनपुट)







