यूपी में छुट्टा जानवर किसानों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। गाय, बैल, नीलगाय, सांड आदि पशु फसलों को चर रहे हैं, बाग़ में पौधों को नष्ट कर रहे हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। फसल को बचाने के लिए किसानों को रात-दिन अपनी जिंदगी खेत और बाग में ही गुजारनी पड़ रही है। इससे किसान और कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। जीवन बर्बाद हो रहा है।
ऐसा ही हाल ज़िला अयोध्या के सीबार गांव का है। यहां के किसानों की छुट्टा पशुओं से संबंधित शिकायत कोई सुनने वाला नहीं है। किसानों का कहना है कि छुट्टा पशु खेत और बाग को लगातार चर रहे है, और हम गरीब किसान, मजदूर लोग मेहनत कर के अपना जीवन गुजारते हैं अगर रोज हम अपने खेत की रखवाली करेंगे तो क्या कमायेंगे और खायेंगे, बाकी काम कब करेंगे।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि “गांव में छुट्टा पशुओं की संख्या बहुत बढ़ गई है। जिसकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है। न रात में सोने को मिलता है न दिन में जानवरों की वजह से दिन रात परेशान रहते हैं। इनकी वजह से काम पर भी नहीं जा पाते है। छुट्टा पशु एक ही बार में पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं। इनकी संख्या अधिक हो गई है। इनके कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है, ऐसे में हमारे बच्चों का खर्चा कैसे पूरा होगा, उनको कमाकर कौन खिलाएगा और हम सबके बाल बच्चे कैसे जीवन यापन करेंगे। गांव के लोग दिन-रात जानवरों के पीछे ही भागते रहते हैं। अब तो ऐसा लग रहा है जैसे मानो किसानों की जिंदगी छुट्टा जानवरों को भगाते हुए बीत जाएगी।
छुट्टा पशु सिर्फ खेतों में ही नहीं बल्कि सड़कों पर भी मंडरा रहे हैं। लोगों को घर से निकलने में भी डर लगता है कि कही कोई जानवर उन्हें मार न दें। इन पशुओं की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है।
श्री रज़ा इमाम ने बताया कि उन्होंने कई सौ पेड़ लगाए थे सब के सब जानवर चर गये। बहुत नुक्सान हुआ। फिर से अमरूद, नींबू इत्यादि के तीन चार सौ पेड़ लगाए मगर जानवरों के कारण पेड़ बच नहीं पा रहे हैं जिससे काफी नुकसान हो रहा है। पेड़ों को बचाने के लिए बाग़ में ही डेरा डाल रखा है फिर भी जानवर पेड़ों, फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि किसानों की फसल की सुरक्षा के उपायों पर ध्यान दे।