यरूशलम: इजरायल के रक्षा मंत्री ने सोमवार को एक नए जासूसी उपग्रह के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण की घोषणा की है जिसके बारे में अधिकारियों का कहना है कि इससे क्षेत्र में खतरों की निगरानी में आसानी होगी। इजरायल में करीब दो दशक से इस तरह के उपग्रह प्रक्षेपित किए जा रहे हैं और ओफेक-16 इसी जासूसी बेड़े में शामिल हो गया है।
हालांकि अधिकारियों ने खास तौर पर किसी खतरे का नाम नहीं लिया। ईरान और इजरायल में पुरानी शत्रुता है और यह इस्लामिक रिपब्लिक पर परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश का आरोप लगाता रहा है। मंत्रालय के अंतरिक्ष एवं उपग्रह प्रशासन के प्रमुख अमनोम हरारे ने कहा, ‘उपग्रहों के सभी समूहों का इस्तेमाल देश के लिए किसी खतरे की निगरानी करने में किया जाता है, जैसा कि आप जानते हैं कि कभी यह खतरा बहुत दूर होता है और कभी नजदीक, इसके लिए लगातार निगरानी की जरूरत होती है।’
इजरायल ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है कि अभियान में अभी कितने उपग्रह शामिल हैं लेकिन हरारे ने कम से कम दो ओफेक 5 और ओफेक 11 का जिक्र किया है, इन दोनों का प्रक्षेपण क्रमश: 2002 और 2016 में हुआ था। उन्होंने कहा, ‘आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब आपके पास आकाश में समानांतर रूप से एक से ज्यादा उपग्रह होते हैं तो आप अपने हितों पर ज्यादा बेहतर तरीके से नजर रख सकते हैं।’
इजरायल ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के इसके निर्माण, पड़ोसी देश सीरिया में सैन्य मौजूदगी और संदिग्ध परमाणु कार्यकर्म को देखते हुए इजराइल ईरान पर करीबी नजर रखता है।