01/06/2020
ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सय्यद जुनैद अशरफ किछौछवी ने एक जारी बयान में कहा कि भारत की आजाद होने से 12 साल पहले एक दर्दनाक हादसा मक्का और मदीना शरीफ में हुआ जिसका ग़म मुस्लिमों में आज भी है।
ये कोई दूसरा नहीं बल्कि नबी् ए करीम की बेटी, बीबी फ़ातिमा ज़ैहरा से.अ., के साथ-साथ नबी ए करीम की शरीक्ए हयात जनाब्ए ख़दीजत्उल्कुब्रा व ख़लीफ़ा हज़रत उस्मान्ए ग़नी का रौज़ा जिस तरह ढाया गया उसका शदीद ग़म मुसलमानों के दिलों पर आज भी मौजूद है, और इस ग़म को ख़त्म करने का तरीक़ा मुसलमान पिछले कई दशकों से कर रहा है। लेकिन सऊदी हुकूमत जिसके कान पे अभी तक जूं भी नहीं रेंगी है। बल्कि इसे वह अपना फ़क़्र समझता है। वह हमारे रसूल की बेटी जिसकी अ़ज़मत यह है कि वह जन्नत में दाखिल होने वाली औरतों की सरदार होंगी, जब वह नबी के घर में तशरीफ लाती थीं, तो हमारे हुजूर उनको इज्ज़त देने के लिए खड़े हो जाते थे, ऐसी बेटी जिनके लिए ख़ुद हमारे रसूल खड़े हो जाते हों, ऐसी बेटी के रौज़े पर सऊ़दी हुकूमत ने बुलडोजर चलवा दिया, मैं तो यह कहूंगा यह नबी के मानने वाले ही नहीं बल्कि नबी के दुश्मन है क्योंकि रसूल ने फरमाया है मैं तुम्हारे दरमियान दो भारी चीजें छोड़े जा रहा हूं, एक, कुरान दूसरा मेरे ऐह्ल्एबैय्त अ़लैय्हेमुस्सलॉम अगर तुम इसे मजबूती से पकड़े रहोगे तो कभी गुमराह नहीं होगे।
जिन को पकड़ने का हुक्म रसूल खुद दे रहे हों, ऐसे छोड़ने वालों का क्या अंजाम होगा इसको आप बखूबी समझ सकते हैं, मुझे एक शेर याद आ रहा है “पढ़ता हूं तो कहती है यह ख़ालिक़ की किताब, ये यहूदी और सऊदी हैं अ़ज़ाब, उस क़ौम के बारे में क़मर’ क्या लिक्खे, जो काबे की कमाई से पीते हैं शराब”।
मौहम्मदी मिशन ने मांग की है कि जन्नत्उलम्आ़ल्अ़ व जन्नत्उल्बक़ी की १९३५ से पैहले जैसी तामीर करवाने के लिए संय्युक्त राश्ट्रसंघ सीधे तौर पर सऊदी हुकूमत को निर्देश दे।
जुनैद अशरफ़ किछौछवी