चेहलुम के जुलूस, शब्बेदारियाँ और मजलिसों की इजाज़त मिलना चाहिये:मौलाना यासूब अब्बास

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    2 अक्तूबर, 2020
    लखनऊ आल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने एक बयान जारी करके कहा है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष अब तक अज़ादारी के कोई प्रोग्राम नहीं हो पाये हैं, जिसको लेकर शिया समुदाय में ग़म व गुस्से की लहर मौजूद है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है कि इस साल रोज़े आशूरा में लोगों के घरों के ताजि़ये तक नहीं उठने दिये गये और उसको रोकने के लिये हुकूमत ने मौलवियों से बयान दिलवा दिये।
    मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि सरकार की नई गाइड लाइन आ चुकी है उसके हिसाब से हमें चेहलुम के जुलूस, शब्बेदारियाँ और मजलिसों की इजाज़त मिलना चाहिये। मौलाना ने कहा कि सड़क पर न सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल है और हर तरफ़ सड़क पर ट्रैफि़क जाम रहता है जिसको लेकर सरकार अपनी आँखें बंद किये रहती है। इधर मजलिस या शब्बेदारी कहीं भी आयोजित होती है फ़ौरन वहाँ पुलिस आकर दबाव बनाना शुरू कर देती है, जिसको लेकर मौलाना यासूब अब्बास ने जि़ला प्रशासन से बात भी की है। मौलाना ने कहा है कि हमारी पूरी क़ौम मराजे केराम, सरकारी गाइड लाइन पर मुकम्मल अमल कर रही है। मगर चेहलुम इमाम हुसैन अ0स0 जो 8 अक्तूबर 2020 को है उसमें हमें मुकम्मल आज़ादी होनी चाहिये ताकि हर शिया करबला के 72 प्यासों का चेहलुम दिल खोल कर मना सके। यह इत्तेला सै0 अज़हर नक़वी ने दी।

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