यूं तो गाय का पूरी दुनिया में काफी महत्व है, लेकिन अगर खास तौर से भारत की बात की जाए तो प्राचीन काल से ही यह भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के समान रही है। चाहे वह दूध का मामला हो या फिर खेती के काम में आने वाले बैलों का। पहले गायों की संख्या व्यक्ति की समृद्धि और शक्ति संपन्न होने की पहचान हुआ करती थी। गाये बहुत उपयोगी घरेलू पशु है। गाय पालन ,दूध उत्पादन या डेयरी फार्मिंग छोटे व बड़े दोनों स्तर पर सबसे ज्यादा फैला हुआ व्यवसाय है जो पूरे देश में हर जगह पाया जाता है। इससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में मदद मिलती है। गाय पालन कर के दूध उत्पादन ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर सहयोग किया है यदि किसी के पास दूध उत्पादन व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रारंभिक पूँजी है तो इसे आसानी से स्थापित किया जा सकता है।
यही काम ज़िला अयोध्या स्थित ग्राम सीबार में सैय्यद रज़ा इमाम और उनके पुत्र सैय्यद अली इमाम भी कर रहे हैं। जहां आज गाय को लेकर जगह जगह तनाव हो जाता है वहीं सीबार में सैय्यद परिवार गऊ सेवा में लगा है और गाय पालन करके इस व्यवसाय को मजबूत करने में लगा है। वैसे भी यह परिवार हमेशा से धार्मिक सद्भाव का पक्षधर रहा है और अपने कार्यों से मानवता का संदेश देता रहता है।