गाजियाबाद से लखनऊ । छत का किराया 600 तो सीट का 1200

    0
    116

    पाबंदी के बावजूद एक मीटर की दूरी बनाए रखना तो दूर सैकड़ों की संख्या में यात्री एक के ऊपर एक बैठकर सफर करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। शनिवार दोपहर कानपुर के नौबस्ता में पुलिस ने जब एक प्राइवेट बस को रोककर उसकी चेकिंग की तो उनके होश उड़ गए। इस स्लीपर बस में ठूसठूस कर यात्री बिठाये गए थे। यहां तक कि बस की छत पर भी यात्री सवार थे।

    पुलिस ने बस को रोककर सभी यात्रियों की थर्मल टेस्टिंग कराई। इन सबके बीच अधिक किराया देकर कुछ लोग बसों में भीड़ के बीच सफर करके संक्रमण के खतरे को बढ़ावा दे रहे हैं। समूह में चलने और बस आदि में सफर की पाबंदी के बाद भी हाईवे पर सफर करने वालों का नजारा देखने को मिल रहा है।

    पूरे यूपी में सभी जिलों की सीमाओं को सील कर दिया गया है। इस सब के बाद भी कुछ समय के लिए वाहनों की आवाजाही की छूट मिलने के बाद हाईवे पर अब ऐसा नजारा दिखाई देने लगा है। गाजियाबाद से लखनऊ जा रही सवारियों से भरी बस को एसीएम प्रथम ने नौबस्ता बाईपास पर रोका और मेडिकल टीम को सूचना दी। सूचना पर पहुंची मेडिकल टीम यात्रियों की जांच की। हापुड़ निवासी बस चालक शहनवाज ने बताया कि गाजियाबाद प्रशासन की अनुमति लेकर लखनऊ, सीतापुर के लिए 27 मार्च को बस निकली थी।

    पुलिस ने बस से यात्रियों को नीचे उतरवाया तो 120 लोगों को देखकर सभी दंग रह गए। डॉ. आलोक निगम, डॉ. राज बहादुर, डॉ. अजित सहित पांच लोगों की टीम ने यात्रियों का नाम पता व मोबाइल नोट किया। सभी की थर्मल टेस्टिंग कराई गई। यात्रियों ने बताया कि बस के अंदर बैठने वालों से एक हजार से बारह सौ रुपये और छत पर बैठने वालों से छह सौ से आठ सौ रुपये किराया वसूला गया है।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here