गऊॅं माता के साथ अजीब हुआ प्रेम के नाम पर।
बाबू जी मुझे थप्पड़ से नही प्यार से डर लगता है’…!
एस.एन.लाल
इन सरकारों में जितना गऊॅ माता के लिए प्रेम छलका है…, इतना ही गॅंऊ माता पर ज़ुल्म हुआ। सबसे ज़्यादा गॅंऊशालाओं में इसी सरकार में गाय मरी है..कारण जो भी, समाचारों के अनुसार चाहे चारा न देना हो, या भूखा दौड़ा-दौड़ा कर मार दिया गया हो, उनकी ख़ाल बेचने के लिये। एस.एन.लाल
सड़कों पर आये दिन ट्रक द्वारा अंधेरे में गायों का मरना बताता है कि गाय से कितना प्रेम है…! यहॉं पर ‘दबंग’ का वह डायलॉग याद आता है ‘बाबू जी मुझे थप्पड़ से नही प्यार से डर लगता है’…! कांश गाय बोल पाती तो आज शायद यहीं बोलती। एस.एन.लाल
जहां गाय को अपने दरवाज़े पर बुलाकर लोग खाना खिलाते थे, अब दूसरे धर्म के लोगों ने गाय को खाना देना बन्द कर दिया, कि पता नही कब कौन तिल का ताड़ बना दे। वह गाय को दरवाज़े पर टिकने भी नहीं देते। एस.एन.लाल
गोआ में सरकार का प्रेम दिखता है..जहां गाय के गोश्त पर कोई रोक नहीं। देश में वही 2014 के बाद से गाय की मीट की सप्लाई विदेशों में लगातार बढ़ी ही है, विदेशों में मीट सप्लाई करने वाले 6 बड़े एक्पोर्ट ग़ैर मुस्लिम है। एस.एन.लाल
सिर्फ भाषणों में, मिडिया के द्वारा प्रस्तुत समाचारो में, अज्ञानी जनता के बीच और सरकारी पेपरों में गाय प्रेम आज नज़र आता है…!
एस.एन.लाल