25 अप्रैल, लखनऊ इस समय कोरोना का संक्रमण सब तरफ है। हम लगभग महीने भर से लॉक डाउन में रह रहे हैं। ऐसे में जिन्हें डायबिटीज की समस्या है, उन्हें भी इस समय काफी सावधानी बरतने की जरूरत है।
राजकीय आयुर्वेद संस्थान एवं अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. मंदीप जायसवाल कहते हैं, डायबिटीज से पीड़ित रोगियों को इस समय ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को हल्का व आधा पेट भोजन करना चाहिए। सुबह का नाश्ता पूरा करना चाहिए। रात का खाना 7-8 से पहले तथा आधा पेट करना चाहिए और रात के खाने के दो घंटे बाद ही सोना चाहिए।
खाने के आधे घंटे बाद 100 से 200 कदम टहलना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार डायबिटीज की दवाओं का सेवन करना चाहिए।
लॉक डाउन में बाहर टहलने की मनाही है इसलिए घर पर ही टहलें। कब्ज न हो, इसका विशेष ध्यान रखना है। इसके लिए खाना खाने के एक घंटे बाद गुनगुने पानी का सेवन करें।
यदि दवा की जरूरत है तो भोजन करने से पहले हिंगवाष्टक चूर्ण तथा भोजन करने के एक घंटे बाद त्रिफला चूर्ण/ क्वाथ का सेवन अवश्य करें।
आयुर्वेद के अनुसार भोजन से एक घंटे पहले हरिद्रा, आमलकी, दालचीनी, गिलोय, मेथी, चिरायता, को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका चूर्ण बनाकर लगातार सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है। इसके अलावा यदि डायबिटीज ज्यादा बढ़ी है तो भोजन करने के एक घंटे बाद निशाकथाकादि कषाय/ फलाकत्रादि कषाय का सेवन करने से डायबिटीज को नियंत्रित करने में सुविधा मिलती है परन्तु उचित निर्दिष्ट आहार–विहार का पालन अवश्य करना चाहिए | आयुर्वेद के अनुसार डायबिटीज में विशेष रूप से दूध और दूध के अन्य विकार (पनीर इत्यादि) व दही आदि भी कम मात्रा में और जहाँ तक संभव हो दोपहर से पहले लेने चाहिए। यदि फिर भी डायबिटीज नियंत्रित नहीं हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
डॉ. जयसवाल बताते हैं, यदि हम एलोपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो निगरानी जरूरी होती है क्योंकि शरीर में प्रतिक्रियाएँ बढ़ जाती हैं। ऐसे में हमें एलोपैथिक दवाओं का डोज कम करने की आवश्यकता होती है। जिन लोगों में एलोपैथिक दवाओं से डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती है उनमें एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेद की दवाओं को एड करने से कण्ट्रोल हो जाती है |