कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट कांड: दो इंजीनियरों की मौत के बाद फरार डॉक्टर अनुष्का तिवारी, डिग्री पर सवाल

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कानपुर, 16 मई 2025: उत्तर प्रदेश के कानपुर में केशव नगर स्थित एम्पायर क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद दो इंजीनियरों की दर्दनाक मौत ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी डॉक्टर अनुष्का तिवारी और उनके पति सौरभ तिवारी फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि अनुष्का तिवारी के पास हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की योग्यता नहीं थी और उनकी डिग्री पर भी सवाल उठ रहे हैं।
घटना का विवरण
पहला मामला पनकी पावर हाउस के सहायक अभियंता विनीत दुबे (37) का है, जिन्होंने 13 मार्च 2025 को अनुष्का तिवारी के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था। सर्जरी के दौरान इंजेक्शन लगने के बाद उनके चेहरे पर सूजन आ गई और हालत बिगड़ गई। उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 15 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। विनीत की पत्नी जया त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि अनुष्का ने लापरवाही बरती और सही समय पर इलाज नहीं किया। जया को FIR दर्ज कराने के लिए 56 दिनों तक पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटने पड़े। अंततः मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद 9 मई को रावतपुर थाने में मामला दर्ज हुआ।
दूसरा मामला फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटिहार (32) का है, जिन्होंने 18 नवंबर 2024 को अनुष्का के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था। सर्जरी के 24 घंटे के भीतर उनके सिर में तेज दर्द और चेहरे पर सूजन शुरू हो गई। मयंक की मां प्रमोदिनी कटिहार के अनुसार, उन्होंने बार-बार अनुष्का से संपर्क किया, लेकिन डॉक्टर ने हर बार कहा कि “सब ठीक है।” हालत बिगड़ने पर अनुष्का ने कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाने की सलाह दी, लेकिन मयंक को कोई हृदय संबंधी समस्या नहीं थी। 19 नवंबर की सुबह मयंक की दर्दनाक मौत हो गई। मयंक के परिवार का आरोप है कि अनुष्का ने उनके नंबर ब्लॉक कर दिए और संपर्क तोड़ लिया।
डिग्री पर सवाल
जांच में पता चला है कि अनुष्का तिवारी के पास केवल बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) की डिग्री है, जो फरीदाबाद के मानव रचना डेंटल कॉलेज से प्राप्त की गई थी। उनके पति सौरभ तिवारी ने भी कानपुर के महाराणा प्रताप डेंटल कॉलेज से BDS और MDS किया है। कानूनन, BDS धारक न तो हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कर सकते हैं और न ही खुद को डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन बता सकते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट के लिए एमडी (डर्मेटोलॉजी), एमएस (जनरल सर्जरी), या एमसीएच (प्लास्टिक सर्जरी) जैसी डिग्रियां और विशेष प्रशिक्षण आवश्यक होता है।
उत्तर प्रदेश के BDS डॉक्टरों के संगठन के अध्यक्ष अवधेश तिवारी ने स्पष्ट किया कि अनुष्का तिवारी उनके संगठन की सदस्य नहीं हैं और उनका कोई पंजीकरण भी नहीं है। उन्होंने कहा, “यदि कोई BDS डॉक्टर सर्जरी करने का झूठा दावा करता है और मरीजों की जान खतरे में डालता है, तो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए।”
क्लिनिक और सर्जरी की प्रक्रिया
अनुष्का तिवारी का एम्पायर क्लिनिक केशव नगर के एक चार मंजिला कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर पर दो कमरों में संचालित होता था। क्लिनिक का बोर्ड, जिसमें डेंटल, हेयर, और एस्थेटिक्स सेवाओं का दावा किया गया था, अब हटा दिया गया है और क्लिनिक पर ताला लटका है। अनुष्का सर्जरी के लिए 40,000 से 50,000 रुपये का पैकेज ऑफर करती थीं, जबकि अन्य क्लिनिकों में यह प्रक्रिया लाखों रुपये में होती है। मयंक के भाई कुशाग्र ने बताया कि अनुष्का ने ऑनलाइन सर्च के जरिए उनके भाई को आकर्षित किया था। सर्जरी में करीब पांच घंटे लगते थे, लेकिन क्लिनिक में कोई प्रशिक्षित सर्जिकल स्टाफ या ट्रेंड असिस्टेंट नहीं था।
पुलिस जांच और कार्रवाई
पुलिस ने अनुष्का और सौरभ तिवारी की तलाश में झांसी, कानपुर देहात, लखनऊ, और कानपुर शहर में कई स्थानों पर दबिश दी है। अनुष्का के पिता से भी सख्ती से पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की लोकेशन के बारे में अनभिज्ञता जताई। डीसीपी दिनेश त्रिपाठी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र लिखकर पूछा है कि अनुष्का को हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक चलाने की अनुमति कैसे दी गई। सीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडे ने बताया कि विनीत के मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, और मयंक के परिवार की शिकायत पर भी जांच शुरू की जाएगी। हालांकि, पुलिस की सुस्त कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। जया त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि अनुष्का अग्रिम जमानत लेने की कोशिश कर रही हैं, और पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करने में दो महीने लगा दिए।
परिजनों का गुस्सा और मांग
विनीत और मयंक के परिजनों ने अनुष्का तिवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मयंक की मां प्रमोदिनी ने कहा, “मेरे बेटे ने मेरे हाथों में तड़प-तड़प कर दम तोड़ा। अनुष्का ने उसकी जान ली और अब फरार है। उसे जेल भेजा जाए, वरना वह और लोगों की जान लेगी।” मयंक के भाई कुशाग्र ने कहा कि उनके पास अनुष्का के खिलाफ वॉट्सऐप चैट, फीस के ऑनलाइन पेमेंट, और जांच रिपोर्ट जैसे साक्ष्य हैं।
चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने निजी क्लिनिकों में सुरक्षा मानकों और चिकित्सा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना सर्जिकल डिग्री और प्रशिक्षण के हेयर ट्रांसप्लांट करना न केवल खतरनाक है, बल्कि कानूनी अपराध भी है। BAMS, BHMS, या अन्य पैथी वाले डॉक्टर भी कानूनी रूप से यह प्रक्रिया नहीं कर सकते। प्रशासन और चिकित्सा विभाग की चुप्पी भी इस मामले में सवालों के घेरे में है।

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