ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का एक हंगामी जलसा संपन्न हुआ बोर्ड के कार्यकारिणी के हंगामी जलसे में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के द्वारा कुरान के प्रति कही गई नाज़ेबा बयान पर विचार किया गया।
कार्यकारिणी की बैठक में वसीम रिजवी के बयान की सख्त निंदा की गई एवं सुप्रीम कोर्ट से भी मांग की गई कि वसीम रिजवी के द्वारा दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दें ताकि देश में सुख अमन-चैन और शांति बनी रहे।
इस जलसे की शुरुआत तिलावते कुरान से की गई इस जलसे में कहा गया कि कुरान वह किताब है जिसमें ना कभी एक हर्फ बदला गया और ना बदला जा सकता है। क्योंकि इस किताब की हिफाजत करने वाला अल्लाह है।
बोर्ड ने भारत सरकार से मांग की है कि किसी भी धर्म और धार्मिक किताब के खिलाफ विशेष तौर पर कुरान और इस्लाम के खिलाफ इस तरह की हरकत करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बोर्ड ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि आगामी 22 मार्च को रात को 9:00 बजे सभी लोग अपने घरों मस्जिदों में तिलावते कुरान करें और इसकी तस्वीर सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक पर डालें।
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के हंगामी जलसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव द्वारा अज़ान के ऊपर की गई टिप्पणी की भी निंदा की गई और कहा गया यह वह देश है जहां सभी लोग मिल जुल कर रहते हैं। बोर्ड ने कहा कि वह यह मानता है कि यहां हम सब मिलजुल कर के रहते हैं और सभी को अपने धर्म का पालन करने की आजादी है ऐसे में
कुलपति का यह बयान देश के भाईचारा अमन और सुकून और प्रेम के बीच खाई पैदा करने का प्रयास है।