निजीकरण पर सपा के सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि निजीकरण होगा, लेकिन इससे बिजली महंगी नहीं होगी और न ही किसी की नौकरी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि निजीकरण उपभोक्ता हित में किया जा रहा है और इससे आरक्षण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि र्ड्सस के तहत बिजली का कायाकल्प किया जा रहा है, जिसमें 2 साल में 28 लाख 92 हजार 336 खंभे लगाने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली विभाग की बिगड़ी हालत के लिए सपा जिम्मेदार है, क्योंकि उन्होंने 1.42 लाख रुपये का घाटा छोड़ दिया था।
सपा बिधायक इंजीनियर सचिन यादव ने सवाल उठाया कि जब इन्फ्रास्ट्रक्चर हमारा है, तो निजीकरण क्यों? इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि निजीकरण से बिजली विभाग की सेवाएं बेहतर होंगी और उपभोक्ताओं को फायदा होगा।