ईरान- इसराइल लड़ाई में अमेरिका-रूस-चीन और भारत की प्रतिक्रिया

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14 मई 2025 को ईरान और इज़रायल के बीच हुए संघर्ष के संबंध में कोई विशिष्ट समाचार उपलब्ध नहीं है, क्योंकि प्रदान की गई जानकारी में इस तारीख के लिए कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। हालांकि, हाल के महीनों में ईरान और इज़रायल के बीच तनाव और बमबारी की घटनाओं की व्यापक कवरेज रही है, विशेष रूप से जून 2025 में। मैं जून 2025 की घटनाओं के आधार पर नवीनतम जानकारी और अमेरिका व रूस के बयानों का सारांश प्रदान करूंगा, क्योंकि यह आपके प्रश्न के सबसे करीब है।
ईरान-इज़रायल बमबारी: ताजा खबर (जून 2025 तक)
इज़रायल के हमले: इज़रायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, विशेष रूप से तेहरान, इस्फहान, और नतांज जैसे क्षेत्रों में। इन हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ हुसैन सलामी और कई शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों सहित 20 से अधिक वरिष्ठ कमांडरों की मौत की पुष्टि हुई। इज़रायल ने दावा किया कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए सटीक हमले किए, जिसमें नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाया गया।
ईरान की प्रतिक्रिया: ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इज़रायल पर 100 से अधिक विस्फोटक ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, जिसके कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुईं, जैसे कि एयर इंडिया की फ्लाइट AIC129। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इज़रायल को “कड़ी सजा” देने की चेतावनी दी।
नागरिक प्रभाव: तेहरान के आवासीय क्षेत्रों में हुए हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित आम नागरिकों की मौत की खबरें आईं। ईरान ने दावा किया कि उसने इज़रायल के दो F-35 फाइटर जेट मार गिराए, हालांकि इज़रायल ने इस दावे को खारिज किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने आपातकालीन बैठक बुलाई। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों की निगरानी की और कहा कि नतांज में विकिरण स्तरों में कोई वृद्धि नहीं हुई।
अमेरिका का बयान
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप: ट्रंप ने इज़रायल के हमलों को “शानदार” बताया और कहा कि “अभी और बहुत कुछ होना बाकी है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इज़रायल का पूरा समर्थन करता है और ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिका इन हमलों का प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं था, लेकिन इज़रायल ने हमलों से पहले अमेरिका को सूचित किया था।
सैन्य तैयारियां: अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाई, जिसमें डिएगो गार्सिया द्वीप पर B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और GBU-57 जैसे शक्तिशाली बम तैनात किए गए, जो गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने चिंता जताई कि इज़रायल बिना अमेरिकी मंजूरी के हमले कर सकता है, जिससे अमेरिका भी संघर्ष में शामिल हो सकता है।
कूटनीतिक प्रयास: अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन ये वार्ताएं लगभग विफल हो चुकी हैं। ट्रंप प्रशासन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए सैन्य विकल्पों पर विचार किया।
रूस का बयान
रूसी विदेश मंत्रालय: रूस ने इज़रायल के हमलों की कड़ी निंदा की और उन्हें संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया। रूस ने इसे “बिना उकसावे की अवैध सैन्य कार्रवाई” करार दिया और कहा कि यह पश्चिमी देशों की “ईरान विरोधी हिस्टीरिया” का परिणाम है। रूस ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पुनर्जनन में मदद की पेशकश की और उच्च संवर्धित यूरेनियम को हटाने की बात कही।
रणनीतिक रुख: रूस ने मध्य पूर्व में अमेरिकी प्रभाव को कम करने के लिए ईरान का समर्थन करने का संकेत दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रूस और चीन ईरान को सैन्य सहायता देते हैं, तो यह संघर्ष विश्व युद्ध की स्थिति में बदल सकता है। अगले 72 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
भारत की प्रतिक्रिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की।
चीन का रुख: चीन ने इज़रायल के हमलों को “अस्थिरता फैलाने वाला” बताया और ईरान को आर्थिक सहायता देने की संभावना जताई, हालांकि सैन्य हस्तक्षेप से इनकार किया।
विश्व युद्ध की आशंका: विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि रूस और चीन ईरान को सैन्य समर्थन देते हैं, तो अमेरिका और नाटो के साथ टकराव से विश्व युद्ध की संभावना 30-40% तक बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
14 मई 2025 की विशिष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन जून 2025 तक ईरान और इज़रायल के बीच तनाव चरम पर है। इज़रायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए। अमेरिका ने इज़रायल का समर्थन किया, जबकि रूस ने ईरान के पक्ष में कड़े बयान दिए। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और अगले कुछ दिन क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
यदि आप 14 मई 2025 की विशिष्ट खबरों के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो कृपया और स्पष्ट करें, या मैं ताजा जानकारी के लिए वेब और X पर नवीनतम अपडेट खोज सकता हूँ।

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