कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) और इसके प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। सहारनपुर से सांसद मसूद ने कहा, “सपा प्रमुख अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि अब वक्त बदल गया है। उन्हें अपने बयानों और कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए। समाजवादी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों से जनता को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “सपा की नीतियां केवल दिखावटी हैं और इनका जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा। जनता अब ऐसी राजनीति चाहती है जो उनके हितों की रक्षा करे और वास्तविक विकास लाए। यह काम केवल कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है, क्योंकि हमारी नीतियां और विचारधारा जनता के साथ सीधे जुड़ी हुई हैं।”
मसूद ने सपा के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर भी सवाल उठाए और कहा, “अखिलेश जी के पीडीए में मुसलमान कहां हैं? क्या वे सिर्फ दरी बिछाने के लिए हैं? जनता अब ऐसी राजनीति को समझ चुकी है और बदलाव चाहती है।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “कांग्रेस को किसी बैसाखी की जरूरत नहीं है। हम अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटों के साथ गठबंधन पर विचार करेंगे। 80 में से 17 सीटों का फॉर्मूला अब नहीं चलेगा।”
बयान का विश्लेषण:
इमरान मसूद के इस बयान से साफ है कि वह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बयान में सपा की नीतियों की आलोचना के साथ-साथ कांग्रेस को जनता के हितों का सच्चा प्रतिनिधि बताने का प्रयास है। यह बयान उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। मसूद का यह कदम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी और कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जाता हैं