जूम के 5 लाख यूजर्स के डेटा डार्क वेब पर उपलब्ध हैं। इन डीटेल्स को एक रूपये से भी कम की कीमत में बेचा जा रहा है। पिछले कुछ हफ्तों से जूम ऐप लगातार विवादों में घिरा है और इस खबर के बाहर आने के बाद यूजर्स की प्रिवेसी पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण विडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom तेजी से पॉप्युलर हुआ है। इस पॉप्युलैरिटी के कारण यह ऐप हैकर्स का फेवरिट टारगेट भी बन गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सन्डे टाइम्स न्यूजपेपर के हवाले से बताया गया है कि 5 लाख से ज्यादा जूम ऐप यूजर्स के लॉगइन डीटेल एक रुपये से भी कम की कीमत में सेल के लिए डार्क वेब पर उपलब्ध हैं।
साइबर सिक्यॉरिटी इंटेलिजेंस कंपनी Cyble ने इन डीटेल्स को एक रशियन बोलने वाले एक व्यक्ति से टेलिग्राम मेसेजिंग सर्विस के जरिए खरीदा। जूम ऐप को इस बारे में खबर मिल चुकी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो जूम का कहना है कि उसने खुद कई इंटेलिजेंस फर्म्स को ऐसे पासवर्ड और इनको बनाने में इस्तेमाल किए गए टूल्स को ढूंढने के लिए हायर किया है।
जूम के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अपनी जांच जारी रखेंगे और उन अकाउंट्स को लॉक करेंगे जिनकी सिक्यॉरिटी के साथ समझौता हुआ है। इसके लिए हम यूजर्स को पासवर्ड बदलने की भी सलाह दे रहे हैं। इसके अलवा हम कुछ अडिशनल टेक्नॉलजी का भी इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं ताकि अकाउंट्स की प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी को बेहतर बनाया जा सके।’