आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है,
जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत की आजादी का श्रेय किसी एक व्यक्ति या संगठन को नहीं दिया जा सकता है। उनका कहना है कि यह उपलब्धि असंख्य व्यक्तियों और समूहों के कार्यों का परिणाम है,
जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया।
*मोहन भागवत के बयान के मुख्य बिंदु:*
– *आजादी की लड़ाई की शुरुआत*: मोहन भागवत ने कहा कि आजादी की लड़ाई 1857 के विद्रोह से शुरू हुई, जिसने एक संघर्ष को जन्म दिया और पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम की लपटें भड़क उठीं।
– *कई लोगों का योगदान*: उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी की लड़ाई में अनगिनत लोगों और समूहों ने अपना योगदान दिया, और किसी एक व्यक्ति या संस्था को इसका विशेष श्रेय नहीं दिया जा सकता।
– *आरएसएस की भूमिका*: मोहन भागवत ने आरएसएस की भूमिका पर फैली गलत धारणाओं को दूर करने का प्रयास किया और कहा कि जो लोग आरएसएस को समझने के लिए समय निकालते हैं, वे अक्सर कहते हैं कि वे इससे प्रभावित हैं और उन्होंने बहुत कुछ सीखा है ¹ ²।