लखनऊ 25 फरवरी 2020 जनता की सेवा करने के लिए सरकार की तरफ से तैनात किए गए सरकारी डाक्टरों की संवेदनशीलता शायद अब बद से बद्दतर होती जा रही है यही वजह है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर निर्दयी ही नही बेहद निरंकुश बनते जा रहे हैं एक तरफ सड़क पर गर्भवती महिला तड़पती रही लेकिन कुछ दूर बैठा डॉक्टरों के पूरे कुनबे पर जूँ नहीं रेंगी। अक्सर देखा जाता है कि अक्सर मरीज की परवाह डॉक्टर नहीं करते।
ताजा मामला जनपद बहराइच का हैं जहां इलाज के अभाव में प्रसूता महिला को अस्पताल परिसर के बाहर सड़क पर खुलेआम बच्चा पैदा हो गया। महिला को सड़क पर तड़पता देख दूसरे मरीजों के परिजनों ने चद्दर का पर्दा बनाकर सड़क पर ही महिला की डिलीवरी करवाया, लेकिन डाक्टरों की संवेदनहीनता का ये आलम रहा कि महिला अस्पताल गेट के पास चिल्लाती व तड़पती रही पर किसी ने उसे स्ट्रेचर पर अस्पताल के भीतर ले जाने की जहमत नही की।
बताया जा रहा है कि बशीरगंज की शफीकुन्निशा नाम की महिला के परिजन उसे अस्पताल में लेकर पहुँचे थे। रात ज्यादा होने की वजह से डाक्टरों ने उसे एडमिट करने से मना कर दिया। इसी बीच महिला को प्रसव पीड़ा शुरु हो गई। महिला को सड़क पर तड़पता देख दूसरे मरीजों के परिजनों ने कपड़े से पर्दा कर महिला का डिलीवरी करवाया, इस मामले पर जिला अस्पताल के सीएमएस डाक्टर डीके सिंह ने बताया कि अस्पताल कर्मियों की लापरवाही की जानकारी मिलने पर उन्हें फटकार लगायी गयी है वहीं प्रसवपीड़ा से परेशान महिला को एडमिट नही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।