लखनऊ 11 अप्रैल 2020 आल इडिया मोहम्मदी मिशन के प्रवक्ता व कोराना वायरस 19 से आए संकट से मुतासरीन लोगों की मदद के लिए ‘‘अशरफी किचन’’ को चलाने वाले सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी से दि रेवोलूशन न्यूज़ के सम्पादक शाबू जै़दी से बातचीत के मुख्य अंश।
शाबू ज़ैदी: अशरफी किचन खोले जाने की मुख्य वजह ?
जुनेद अशरफी: मेरी परवरीश ऐसी माहौल में हुई कि जहां कोई भी कार्यक्रम होता तो वहां सबसे पहले खाने का इंतेज़ाम सभी के लिए होतेा, चाहे वह गरीब हो या अमीर। फिलहाल पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से मुतासिर हुई है। जहां दुनिया के लोग बीमारी से लड़ रहे हैं, वही भारत कोरोना के साथ-साथ भूख से भी लड़ रहा है। बस इन भूखों को खाना खिलाने के मकसद से यह किचन खोला।
शाबू जै़दी : इस किचन का नाम अशरफी क्यों पड़ा ?
जुनेद अशरफी: हिन्दुस्तान के मशहूर बुजुऱ्ग सैयद सुल्तान मख्दूम अशरफ जहांगीर जिनकी दरगाह किछौछा शरीफ में है। मेरा भी अल्लाह के शुक्र से उसी खानदान से ताअल्लुक है, बस उसी निसबत से यह नाम रखा गया।
शाबू ज़ैदी : अभी तक आप कितने लोगांे को खाना पहुँचा रहे हैं ?
जुनेद अशरफी: मैंने सभी लोगों तक खाना पहुँचाने की नहीं सोची, न मैं कर सकता, बल्कि अपने आसपास क्षेत्र के गरीब परिवार को अपनाकर उन्हें एक वक्त का खाना और एक नाश्ते की किट दे रहा हूँ जिसमें दूध भी शामिल हैं।
शाबू जै़दी रमज़ान को लेकर के आपकी क्या तैयारियां हैं ?
जुनेद अशरफी: रमज़ान शरीफ को आने में लगभग अभी 2 हफ्तें बाकी हैं। हम अपने वालिद व मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ व अशरफी किचन के सरपरस्त खतीबे अहले बैत सैयद तलहा अशरफ किछौछवी से मशविरा करने के बाद जो निकलेगा उसी के हिसाब से काम करेंगे।
शाबू जै़दी : कोरोना वायरस को देखते हुए लोगों से क्या अपील करना चाहेंगे ?
जुनेद अशरफी: मेरी सिर्फ उनसे इतना कहना है कि जंगल में आग लगने पर जो जानवर बिल में छिप जाते हैं वही बचते हैं लिहाजा सरकार की बनाई हुई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन खुद भी करें और अपने परिवार से भी करवायें। हमें खुद भी बचना और अपने देश को भी बचाना है।