24/5/2020
अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में अमेरिका ने चीनी कंपनी हुवावे पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये थे, जिसके बाद हुवावे ने कहा था कि उसका अस्तित्व संकट में पड़ गया है। अब अमेरिका ने अमेरिका में कारोबार कर रही बाकी चीनी कंपनियों को निशाने पर लेने का मन बना लिया है। दरअसल, कल यानि 21 मई को अमेरिकी सीनेट में एक बिल पास किया गया जिसके बाद अलीबाबा और बाईडु (Baidu) जैसी चीनी कंपनियों पर अमेरिकी स्टॉक एक्स्चेंज से delist होने का खतरा मंडराने लगा है। इन चीनी कंपनियों के delist होने के बाद इन्हें विदेशी पूंजी जुटाने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
यहाँ सबसे बड़ी बात यह है कि इस बिल को अमेरिका की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों यानि republicans और democrats ने समर्थन दिया है। इससे अमेरिका ने चीन को साफ संकेत दिया है कि चीन को सबक सिखाने के मुद्दे पर अमेरिका में कोई दो राय नहीं है। इस बिल को लुसियाना के रिपब्लिकन सीनेटर जॉन केनेडी और मैरीलैंड के डेमोक्रैट सीनेटर क्रिस वान हौलेन ने सीनेट में पेश किया था और यह विधेयक सर्वसम्मति से सीनेट में पारित हो गया।
इस बिल में चीनी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि अब उन्हें अमेरिका के पब्लिक अकाउंटिंग ओवरसाइट बोर्ड (PAOB) के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा। अब तक PAOB चीनी कंपनियों के Book of Accounts नहीं देख पाता था, जिसकी आड़ में कई चीनी कंपनियां करोड़ों-करोड़ों डोलर्स के घोटाले करती थीं। इसी के साथ बिल में यह भी प्रावधान है कि अब अमेरिका में काम करने वाली हर कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसपर किसी विदेशी सरकार का कोई प्रभाव नहीं है। नए प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई भी कंपनी इनमें से कोई भी शर्त को पूरा करने में विफल हो जाती है तो उसे अमेरिकी शेयर बाज़ार से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।