11/06/2020
नई दिल्ली: ग्राम प्रधान और बाबुओं सहित उच्चाधिकारियों ने सरकारी पैसे का बंदरबांट करने के लिए 23 महिलाओं को विधवा बना दिया। उनके खातों मे विधवा पेंशन भेजी जाने लगी, जबकि उन महिलाओं के पति जीवित है। कुल मिलाकर विधवा पेंशन घोटाले की यह सिर्फ बानगी सामने आई है, लेकिन इस पर अगर गहराई से जांच की जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
दरअसल, शाहजहांपुर की ब्लाक मिर्जापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सरायं तालुका वानगांव मे विधवा पेंशन घोटाले का मामला सामने आया है। यहां करीब 23 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पति अभी भी जिंदा है। लेकिन कुछ बाबुओं और प्रधान सहित उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से वह महिलाएं अब विधवा हो चुकी है। ऐसा हम नही बल्कि वह महिलाएं और उनके पति खुद बोल रहे है।
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर इस गांव मे वर्ष 2016 मे समाजवादी पेंशन देने के लिए 33 महिलाओं के कागजात लेकर उनको पात्र बताया गया था। तब से लगातार उनके खातों मे पेंशन भेजी जाने लगी, लेकिन धीरे-धीरे ग्रामिणों का पता चला कि 33 महिलाओं मे से सिर्फ 10 महिलाएं ऐसी है जोकि वास्तव में विधवा है और उनको पेंशन देकर उनकी मदद की जा रही है। लेकिन 23 महिलाएं ऐसी है, जिनके पति जिंदा है।