अकबर नगर के पसमांदा समाज ने रखा दो दिवसीय उपवास व रोजा

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लखनऊ 28 दिसम्बर 2023 अकबर नगर मे पसमांदा समाज के साथ सभी धर्म के लोगों ने एकजुट होकर दो दिवसीय रोज़ा व उपवास रखकर मॉग रब से दुआ और लगाई उत्तर पदेश सरकार से गुहार लोगों ने बताया की गुजिश्ता चालिस पचास हजार लोग लगभग 60-70 साल से इस कुकरैल नाले से लगी अकबर नगर की आबादी मे रह रहे है वह यहॉ के स्थानीय निवासी है और उन्हें सरकारी सुविधा भी प्राप्त है और वह सभी प्रकार के टेक्ट आदि देकर रह रहे है और उत्तर प्रदेश सरकार हो यह केन्द्र सरकार हो दोनों सरकारों के द्वारा सभी प्रकार की सुविधा प्रदान की है माननीय राजनाथ सिंह ने यहॉ कई प्रकार की सुविधा लोगांे को प्रदान भी की। उनका कहना है कि अगर हम स्थाई निवासी न होते तो हमें यह सुविधा सरकार इतने वर्षो तक क्यों देती रही और हमसे सभी प्रशासनिक विभाग के टेक्स क्यों लेती रही हमारे घरों पर बिजली कनेक्षन, हमारे सभी दस्तावेज यही के बने है। जबसे हम रह रहे है तब तो लखनऊ विकास प्राधिकरण का अस्तित्व भी नही था। हमारे पूर्वज यहाँ रहे उन लोगों ने कहा इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेन्च ने 22 जनवरी 2023 तक रोक लगा दी है जिससे यहाँ के निवासी को कुछ राहत मिली और हम लोग उत्तर प्रदेश सरकार से उम्मीद लगा हुए है कि वह जालिम भ्रष्टाचारियों के स्थान पर कमजोर और पसमांदा समाज पर बिल्डोजर चलाने का आदेष न दे इसी भय के कारण सभी पीड़ित है ऐसे खौफ से भरी स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोग अपने बच्चों बुढ़ो और जवान मर्द और औरत के साथ दो दिवसीय उपवास व रोजा रखकर रब से दुआ करके अपनी जाएज माँग व मौलिक अधिकारों की बाजयाबी हेतु गुहार लगा रहे है यहाँ निवास करने वाले सभी धर्म के हजारो पीड़ितो, मजलूम, कमजोर लोग अपनी सदाए पहुचाने हेतु शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक ढ़ंग से शासन एवं प्रशासन के सामने अपनी माँग रख रहे है। हमारे दुखी दिलों विशेष रूप से बच्चों के भविष्य को देखते हुए हमे पूर्व की भाँति मूलभूत सुविधा के साथ इसी स्थान पर रहने की व्यवस्था सुनचीत की जाए। हमारे प्रधानमंत्री लोगों को अवास योजना के तहत मकान दे रहे है मगर हमे जिस षडयन्त्र के तहत निकाले जाने का मंसुबा बनाया जा रहा है यह किसी भी तरह सही नही है क्योंकि गुजिश्ता दो दिनो से इस ठ़ंड के मौसम मे लाइट बत्ती पानी व कारोबार आदि में बाधा पैदा की जा रही है ऐसी स्थिति को देखते हुए बच्चे रो रो कर अपनी पीड़ा बयान कर प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री, माननीय संसाद व विधायक तथा न्यायलय तक अपनी बात पहुचाने की कोशिश कर रहे है और उम्मीद इस यकीन के साथ लगाए है कि हमारी माँग सभी माननीय महोदय जरूर सुनेगे और माननीय मुख्यमंत्री महोदय योगी अदित्यनाथ जी ने अभी हाल मे सख्ती के साथ सभी प्रशासिनक अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि किसी गरीब का आशियाना नही टुटना चाहिए।
22 जनवरी को एक तरह अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की यात्रा की पूर्व संध्या के मौके से पहले लखनऊ के अकबर नगर के निवासियों ने दो दिवसीय उपवास व रोज़ा रखकर एक धार्मिक संकेत व प्रतीकात्मक कृत्य ‘‘दया‘‘ के लिए कि है और यह आशा करते है कि जिस बस्ती को वे छह सात दशकों से अधिक समय से अपना आशियाना बनाए है उसमें रहने की उनकी याचिका सुनी जाए और उस पर शीघ्र विचार किया जाए। क्योकि जब देश, राम मंदिर की मूर्ति स्थापना के अवसर पर तैयारी कर रहा है, तो क्या लखनऊ अकबर नगर के निवासी खुद को विध्वंस के खतरे का सामना करेगे। सरकार का ध्यान इस ओर दिलाना जरूरी है कि सौंदर्यीकरण की आड़ में अकबर नगर, लखनऊ में लगभग 2000 मकानों और 150 से अधिक प्रतिष्ठान को ध्वस्त कर 40-50 हज़ार लोगों को बेघर व बेरोज़गार करने की जो साजिश रची जा रही है, जिसके तहत सत्ता की ताकत का इस्तेमाल कर हजारों लोगों को बलपूर्वक बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। यह न्यायपूर्ण नही है यह लोगों की मौलिक अधिकारों का खुला हन्न किया जा रहा है। लखनऊ अदालत ने 22 जनवरी 2023 तक रोक लगा दी है। सरकार के कठोर और अमानवीय कार्यों से अकबर नगर और लखनऊ शहर के सभ्य समाज के लोगों की पीड़ा को कम करने हेतु दो दिवसीय उपवास रखकर सरकार को अपनी पीड़ा से अवगत कराया और अनुरोध किया कि सभी संबन्धित राजनीतिक और प्रशासनिक पद, सम्बन्धित संस्थान अथवा व्यक्ति से सहानुभूति करें और इस कमजोर जनता की समस्या का निदान कर इस को नियमित करे। गरीब निवासी उपवास की पहल एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, जो अकबर नगर में निवास करने वाले के साथ गहरे जुड़ाव और सम्बन्धित अधिकारियों से समझ और दया की उनकी इच्छा को व्यक्त करता है। यह प्रतीकात्मक उपवास न केवल उनकी बस्ती के संरक्षण की गुहार है, बल्कि करुणा और दया के व्यापक भारतीयों के साथ एकजुटता की अभिव्यक्ति भी है। निवासियों को पूरी उम्मीद है कि उनकी ‘‘दया‘‘ याचिका सरकार व सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को प्रभावित करेगी और उनकी स्थिति की ओर उनका ध्यान आकर्षित करेगा, जिससे उनकी लंबे समय से चली आ रही परेशानी का एक दयालु समाधान निकलेगा।
जब राष्ट्र अयोध्या में इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मना रहा होगा, वही अकबर नगर के निवासी को यह विश्वास है कि दया की उनकी अपील सत्ता में बैठे लोगों के कानों तक पहुंचेगी, और वंचितों के घरों और पॉच दस हज़ार बच्चों की शिक्षा एवं आजीविका के संरक्षण के महत्व का समझते हुए उनके साथ सरकार कोई उचित कदम जरूर उठाएगी और उनको वही रहने के लिए आदेष देगी।

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