अंतरराष्‍ट्रीय नर्स दिवस- एक इम्तेहान का वर्ष।

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    अंतरराष्‍ट्रीय नर्स दिवस हर साल 12 मई को मनाया जाता है। यह दिवस मुख्य रूप से पूरी दुनिया में नर्सेज के सम्मान में मनाया जाता है। क्यूंकि नर्सेज विश्वभर में तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद करती हैं। मरीजों की सुविधाओं के लिए ही नर्स काम करती हैं ताकि वो उनकी उचित देखभाल कर सकें। नर्सों को बीमार व्यक्ति के बारे में हर प्रकार की जानकारी रखनी पड़ती है और इसके बाद मरीजों की शारीरिक स्थितियों को देखते हुए वो उनके इलाज में मदद करनी पड़ती हैं। दुनिया भर में फैली कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में नर्सों की भूमिका और भी बड़ी हो गई है।
    12 मई को नर्स दिवस इसके संस्थापक के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें नाइटिंगेल ऑफ फ्लोरेंस कहा जाता है।
    नाइटिंगेल ऑफ फ्लोरेंस, मॉर्डन नर्सिंग की फाउंडर थीं और उन्होंने क्रीमिया के युद्ध के दौरान कई महिलाओं को नर्स की ट्रेनिंग दी थी और कई सैनिकों का इलाज भी किया था। उन्होंने नर्सिंग को एक पेशा बनाया और वह विक्टोरियन संस्कृति की एक आइकन बनीं। विशेष रूप से वह “लेडी विद द लैंप” के नाम से जानी गईं क्योंकि वह रात के वक्त कई सैनिकों का इलाज किया करती थीं।
    ICN की वेबसाइट के मुताबिक, इस साल नर्स दिवस की थीम ”विश्व स्वास्थ्य के लिए नर्सिंग है” ।
    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पहले ही 2020 को नर्सों और मिड वाइव्ज के नाम कर दिया गया है।
    लेकिन भारत में नर्सों की हालत क्या है इसका अंदाजा अस्पतालों को देखकर लगाया जा सकता है। कोरोनावायरस संक्रमितों का इलाज करने के लिए कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है। जगह जगह से नर्सों के विरोध की खबरें सुनाई दे रही हैं। बगैर किसी सुरक्षा के अपनी जान खतरे में डालकर संक्रमितों की देखभाल कर रही हैं। अपने बच्चों और अपने परिवार से दूर रहकर यह एक मुश्किल काम है।
    वैसे भी अस्पतालों में नर्सों की स्थिति अच्छी नहीं रहती है। अस्पतालों के डाक्टरों द्वारा उनके साथ व्यवहार ठीक नहीं रहता है। मालिक और नौकर जैसा रिश्ता दिखाई देता है। बारह से अटठारह घंटे काम करने के बाद भी उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जिसकी वह हकदार हैं।
    जिस तरह से ताजमहल जैसी खुबसूरत इमारत के साथ शाहजहां की जय-जयकार होती है बनाने वाले मजदूरों की नहीं उसी तरह अस्पतालों का श्रेय डायरेक्टर, चेयरमैन और डाक्टर ले जाते हैं नर्सों को कुछ नहीं मिलता।
    बहरहाल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर सभी नर्सों को बधाई और उम्मीद करता हूं कि सरकार आने वाले समय में नर्सों के लिए भी सुविधाएं प्रदान करेगी।
    जयहिंद।

    सैय्यद एम अली तक़वी
    syedtaqvi12@gmail.com

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